नई दिल्ली, 17 अगस्त।
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने विपक्ष द्वारा लगाए गए मतदाता सूची में त्रुटियों और दोहरे मतदान के आरोपों को सख्त लहजे में खारिज किया है। उन्होंने कहा कि ‘वोट चोरी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल जनता को गुमराह करने वाला है और यह भारत के संविधान का अपमान है।
ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कानून के अनुसार अगर मतदाता सूची में कोई त्रुटि है तो उसे समय रहते ठीक कराया जा सकता है। इसके अलावा, किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ 45 दिनों के भीतर हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल करनी होती है। लेकिन इसके बाद मनगढ़ंत आरोप लगाना गलत है।
उन्होंने कहा,
“अगर समय पर याचिका दायर नहीं की जाती और बाद में ‘वोट चोरी’ जैसे भ्रामक शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, तो यह संविधान का अपमान है।”
मशीन-पठनीय मतदाता सूची पर स्पष्टीकरण
CEC ने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में ही मशीन-पठनीय मतदाता सूची को निजता का उल्लंघन माना था। इसलिए इस मामले पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवाल सही नहीं हैं।
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण
बिहार के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावों और आपत्तियों के लिए समय तय किया गया है। चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और बूथ स्तर एजेंटों से अपील की है कि वे इस दौरान अगर किसी त्रुटि को पाते हैं, तो निर्धारित प्रपत्रों में उसे दर्ज कराएं।
“सबूत नहीं दिए गए”
ज्ञानेश कुमार ने दोहरे मतदान के आरोपों पर कहा कि, “जब सबूत मांगे गए, तो कोई जवाब नहीं दिया गया। ऐसे झूठे आरोप से न तो चुनाव आयोग डरता है और न ही मतदाता।”