
लखनऊ, अगस्त 2025 – समाजवादी पार्टी (सपा) की कद्दावर महिला नेता और विधायक पूजा पाल को पार्टी से बाहर कर दिया गया है। पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बार कोई नरमी नहीं दिखाई और ‘अनुशासनहीनता’ को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए उन्हें सपा से निष्कासित कर दिया। पूजा पाल की यह दूसरी बड़ी ‘राजनीतिक चूक’ थी, जिसे पार्टी नेतृत्व ने ‘माफ न करने लायक गलती’ करार दिया।
क्या थी ‘दूसरी गलती’?

सूत्रों के अनुसार, पूजा पाल ने हाल ही में पार्टी लाइन के खिलाफ एक स्थानीय विपक्षी दल के कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहाँ उन्होंने सार्वजनिक मंच से अखिलेश यादव की रणनीति पर सवाल उठाए। इससे पहले भी उन्होंने कई बार सपा नेतृत्व की बातों को नजरअंदाज कर स्वतंत्र बयानबाजी की थी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस व्यवहार को “आंतरिक अनुशासन का उल्लंघन” बताया है।
इनसाइड स्टोरी: अंदरूनी टकराव का लंबा इतिहास
पूजा पाल का सपा में सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। वे कभी पार्टी की ‘फायरब्रांड’ महिला नेता मानी जाती थीं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनके और पार्टी नेतृत्व के बीच तनाव लगातार बढ़ता गया। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पूजा पाल कुछ मुद्दों पर पार्टी के खिलाफ अपनी राय ज़ाहिर करती रही थीं, खासकर महिला आरक्षण, स्थानीय टिकट बंटवारा और नेतृत्व की कार्यशैली को लेकर। हालांकि पहले उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था, लेकिन इस बार उन्होंने सीमा लांघ दी।
सपा का आधिकारिक बयान

सपा प्रवक्ता ने प्रेस को दिए एक बयान में कहा:
“पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने और बार-बार चेतावनी के बावजूद पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के चलते विधायक पूजा पाल को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।”
राजनीतिक भविष्य पर सवाल

अब सवाल यह है कि पूजा पाल का अगला कदम क्या होगा? क्या वे किसी दूसरी पार्टी का दामन थामेंगी? राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि बीएसपी या कांग्रेस उनके संपर्क में हैं। लेकिन अभी तक पूजा पाल की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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